नई दिल्ली। यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी के फ़ैसलों पर सवालिया निशान लगाते हुए उनकी तुलना 14वीं सदी के दिल्ली के विवादित शासक मोहम्मद बिन तुगलक से की है। उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर ट्वीट कर लिखा, “मोहम्मद बिन तुगलक ने विमुद्रीकरण किया। उसने भी विकलांगों सहित तमाम लोगों को दिल्ली से दक्कन के दौलताबद पैदल चलने के लिए मजबूर किया। जिसमें कई लोग रास्ते में ही मर गए। क्या आपको समानता दिखती है?” पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा गाहे-बगाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर सवालिया निशानलगाते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के हवाले से मोदी सरकार को भारतीय इतिहास की सबसे असंवेदनशील सरकार का तमगा दे दिया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि मजदूरों को मरने के लिए छोड़ दिया गया जो सीधे-सीधे जिम्मेदारी से भागने जैसा है। समझने वाली बात यह है कि मोदी सरकार के लॉकडाउन के फैसले का सबसे बुरा प्रभाव प्रवासी मज़दूरों पर पड़ा है। लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से प्रवासी मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है। वो इस समस्या से बचने के लिए अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनके लिए कोई प्रबंध नहीं कर रही। जिसके चलते वो पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफ़र तय कर रहे हैं। ऐसे में वो हादसों का भी शिकार हो रहे हैं।
मोदी है तुगलक मजदूरों को मरने के लिये छोड़ दिया -यशवंत सिन्हा