नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच एक बच्चा पैदल चलने से थककर सूटकेस पर सोया हुआ है, उसकी मां उस सूटकेस को सड़क पर घसीटते हुए ले जा रही है. सूटकेस को सड़क पर घसीट रही महिला के लिए बेटे के सोने से वजन दोगुना हो गया. लेकिन इससे महिला की रफ्तार धीमी नहीं होती है. वह महिला उत्तर प्रदेश के आगरा से होते हुए अपने घर जा रहे मजदूरों के समूह के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है. पूछने पर कहां जा रहे हो तो कहा 'झांसी. कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से मजदूरों की हालात बहुत खराब है. पूरे देश में प्रवासी मजदूर पैदल कर अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं. मजदूरों का कहना है कि उनके पास कोई काम तो बचा नहीं है. खाने को खाना नहीं मिल रहा है. ऐसे में वे अपने घरों की ओर जा रहे हैं. पिछले कुछ वक़्त से ऐसी की मार्मिक तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं, जिसमें मजबूर मजदूर अपने घरों को किसी ने किसी तरह से लौटना चाहते हैं. मजदूरों के लिए चलाई गई विशेष बसें और ट्रेन सेवा भी उनके काम नहीं आ रही. मजदूरों का कहना है कि ये सेवाएं बहुत महंगी हैं और कईयों का कहना है कि इसमें कागज कार्यवाही बहुत ज्यादा है.
जिगर के टुकड़े को सड़क पर घसीटते हुए घर को चली मां मजदूरों की मजबूरी!